कॉलगर्ल
ठमठोर बाहरी दरवाजे पर बैठकर जब आइटम सॉन्ग गाने में मगन होता था तब उसे घर का कोई भी मेंबर डिस्टर्ब नहीं करता था। क्योंकि उसके गुस्से से हर कोई परेशान था। वह अक्सर अपना क्रिया कर्म पिछले दरवाजे पर करता था इसलिए घर का दरवाजा हमेशा बंद रखा जाता था यही तो उसकी खूबी थी घर में माल तैयार होता हो तब अचानक कोई बाहरी इंसान आ जाता है तो सिर्फ एक स्विच दबाकर ठमठोर सबको चौकन्ना कर देता था। मॉर्निंग रूटीन पिछले कमरे में धंधा जोरो से चल रहा था। घर वाले सब अपने-अपने काम में मगन थे और ठमठोर सिंघ रोज की तरह चिकनी चमेली वाला आइटम सॉन्ग गला फाड़ फाड़ कर गा रहा था कि ठीक तभी एक चुलबुली सी लड़की ने वहां कदम रखा। जिसके बदन पर ना के बराबर कपड़े थे। वह इतनी खूबसूरत थी कि उसे देखते ही ठमठोर सिंघ एलईडी स्क्रीन पर थिरक रही अच्छी से अच्छी हीरोइन को भूल गया। उसे लड़की ने अपने गोरे चेहरे पर दुपट्टे को कस के बांध रखा था। इसलिए उसे पहचान बहुत ही मुश्किल था। पिंक कलर का टॉप और स्काई ब्लू स्कर्ट की वजह से उसके हाथ पैर बिल्कुल खुले और सुहावने लग रहे थे। अपनी आंखें फाड़ फाड़ कर बड़ी ही हैरानी से वह उसे देख रहा था। पता नहीं क्यों उसने जानबूझकर अपना चेहरा छुपा रखा था वह किस इरादे से वहां पहुंची थी वह समझना मोटी बुद्धि के बस की बात नहीं थी। वह तो उसके रूप रंग को देखकर पूरी तरह उसे पर लट्टु हो गया था। "हेलो सर, मैं आपसे स्पेशली मिलने आई हूं!" वह शहद भरे शब्दों से बोल उठी। उसके चेहरे पर थिरकने वाली आकर्षक स्माइल ठमठोर सिंघ को परास्त करने के लिए काफी थी। एलईडी स्क्रीन के अंदर से आइटम सॉन्ग के डबल मीनिंग बोल पर थिरकने वाला शबाब अपनी कमनीय काया के साथ अचानक प्रकट हुआ हो ऐसे आंखें फाड़ फाड़ कर वह उसे देखने लगा। ठमठोर सिंघ बड़ा ही हरामी आदमी था। "उसने आसपास देखा रंग में भंग पडाने वाला कोई था तो नहीं ना?" लेकिन इस तरफ कोई आने वाला नहीं था इस बात को वो अच्छी तरह जानता था। क्योंकि घर में दाखिल होने वाला दरवाजा पूरी तरह बंद रहता था। इसलिए अकेली लड़की को देखकर उसकी आंखों में शैतानी चमक नजर आई। "मैंने तुम्हें पहचाना नहीं? कौन हो तुम?" क्योंकि उसके ख्याल से जगदीश जैसा पुलिसिया था जो उसके रंगीन मिजाज का हर वक्त ख्याल रखता था। कई बार वह ऐसे उसके कोठी पर अच्छी-अच्छी लड़कियां भेजता रहा है। आज भी उसी ने कोई नजराना भेजा होगा इसी सोच से ठमठोर ने उसे पूछा था कि तुम कौन हो! जैसे उसी के मन की बात कह रही हो कैसे वह रूप सुंदरी बोल उठी, "जगदीश सर ने आपसे मिलने को कहा था!" ठमठोर सिंघ के बेडौल चेहरे पर चमक आ गई। जब उसे पूरी तरह तसल्ली हो गई तो उसने धीमी आवाज में पूछा। "आप को सेट होगा ना मेरे साथ?" "हां हां क्यों नहीं! मैं एक्सेस कर लूंगी।" उसने अपने धंधादारी लहजे ने कहा। "कितनी रकम चाहिए? मतलब ---कितना चार्ज करती हो?" ठमठोर सिंघ ने उसकी कीमत जाननी चाही। "15000/- अॉनली!" "ओके!" कहते हुए उसने अपने पीछे दीवार में बनी अलमारी का लॉक खोल कर उसमें से 15000 कैश उठा लिए। ठीक उसी वक्त उसे खूबसूरत बला ने अपने टॉप में छुपा अस्त्र बड़ी सावधानी से निकाल लिया। जैसे ही ठमठोर सिंघ ने नजरे फेरी कि एक पल की देरी किए बगैर उस रूप सुंदरी ने पीछे से उसके गले पर अस्त्रा घुमा दिया। ठमठोर कुछ भी समझता उससे पहले उससे पहले उसके गले से लहू रिसने लगा, जो ठमठोर सिंघ को दर्द का अहसास होने पर समझ आया। चेहरे पर पीडा के भाव लिए वो घुमा जरुर पर जमीन पर लुढक गया। उसका शरीर फर्श पर कटे हुये वृक्ष की तरह गिर पडा। उसके होश उड चुके क्योंकि हमला अप्रत्याशित हुआ था। आइटम सोंग की आवाज इतनी तेज थी कि किसी को भनक तक नहीं लगी। लहूँ बहने लगा था। कपडे पूरी तरह खराब होने लगे थे। फर्श पर बहते लहू को देखकर खूबसूरत बला ने ठमठोर के ठंडे शरीर को ठोकर मारी। लाश में बदल चुका ठमठोर का शरीर लुढक गया। फर्श पर बहते लहू में उसने कौवे का पंख भिगोया। और फिर उसने तिरछी नजरों से देखकर जहरीली मुस्कान फेंकी। जैसे एवरेस्ट सर उसने कर लिया हो ऐसे रक्त से भीगा हुआ पंख लेकर दीवार के पास चला गया। और वहाँ लिखने लगा। बार-बार वह फर्श पर बिखरे लहू में पंख डुबो के एक एक अक्षर लिखकर उसने कठपुतली शब्द को परिपूर्ण किया। फिर अगले दो अक्षर के नीचे उसने लाइन बना ली और बाकी के शब्दों को खो जाने वाली नजरों से घूरने लगा। कातिल की आंखों में खून उतर आया था। लाश पर एक सरररी निगाह डालकर डालकर जिस रास्ते से वह आई थी उसी रास्ते से घर के बाहर निकल गई। कुछ देर बाद ऐसा प्रतीत हुआ जैसे वहां कोई आया ही नहीं था। तकरीबन 10:00 बजे का वक्त होने को आया और उनकी कामवाली राधा अपने समय अनुसार वहां आ पहुंची। राधा के ठमठोर सिंघ के साथ अंतरंग संबंध थे इसलिए वह अक्सर उससे कुछ ना कुछ बात करने की लालच में पीछे से ही आती थी। ठमठोर से चुम्माचाटी करने के बाद ही वह काम पर लगती थी। अपने मालिक की नजरे करम होने की वजह से उसे कोई रोक-टोक नहीं करता था। ऊंची आवाज में गाना गुनगुनाती हुई राधा ने जैसे ही पीछे से कॉरिडोर में कदम रखा। सामने फर्श पर पडे मालिक को देखते ही उनकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। मलिक उसके सामने औधे मुंह पड़े थे उसे यकीन नहीं हो रहा था। उसकी नजरे जैसे ही लहू पर पड़ी वो चीख उठी। उसकी चीख सुनते ही ठमठोर सिंघ की पत्नी सहित उसका बेटा भी भागकर बहार आ गया। अपने पति की लाश देखते ही ठमठोर की बीवी चिखने चिल्लाने लगी। ठमठोर की लाश देखते के बाद उसके होश उड गये थे। कुछ देर ठमठोर का बेटा अपनी जगह फ्रीज हो गया। पाँच मिनट पश्चात उसे जैसे होश आया। खतरे की घंटी बजाकर उसने अपने आदमियों को अलर्ट कर दिया। उसके आदमियों ने ठेके का सारा माल सुरक्षित कर दिया। ************
Varsha_Upadhyay
30-Sep-2023 10:21 PM
Nice one
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HARSHADA GOSAVI
30-Sep-2023 07:07 AM
V nice
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Gunjan Kamal
28-Sep-2023 07:58 AM
शानदार भाग
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